कब से कुछ लिखने का सोच रहा हूँ चाह कर भी कुछ लिख नहीं पा रहा हूँ कब से कुछ लिखने का सोच रहा हूँ चाह कर भी कुछ लिख नहीं पा रहा हूँ
अब खुद ही मैं टूटता जा रहा हूँ या जमाने से छूटता जा रहा हूँ अब खुद ही मैं टूटता जा रहा हूँ या जमाने से छूटता जा रहा हूँ
पग पग रखता आदमी संभालकर, भविष्य से चिंतित, इतिहास से हारकर, समय का चक्र घूमे जा रहा है, पानी बहे जा ... पग पग रखता आदमी संभालकर, भविष्य से चिंतित, इतिहास से हारकर, समय का चक्र घूमे जा ...
फिर एक अजनबी रात में डूब रहा हूँ दिन की तरह, कुछ अपने ख़यालों में गुम कुछ तेरे सवालो फिर एक अजनबी रात में डूब रहा हूँ दिन की तरह, कुछ अपने ख़यालों में गुम क...
लड़खड़ाता रहा, थकता रहा पर ना रोया वो ना वो घबराया एक नई उम्मीद लेकर फिर मंज़िल की तलाश में भटकता ... लड़खड़ाता रहा, थकता रहा पर ना रोया वो ना वो घबराया एक नई उम्मीद लेकर फिर मंज़ि...
खुद से कुछ कर ऐ मेरे दोस्त, अब सहारा लेना छोड़ भगवान का, जब हौसला बना लिया ऊँची उड़ान खुद से कुछ कर ऐ मेरे दोस्त, अब सहारा लेना छोड़ भगवान का, जब हौसला बना लिया...